PM Kisan 22th Installment Date: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश की सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय कृषि कल्याण योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत देश भर के लगभग नौ से दस करोड़ किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजी जाती है। उन्नीस नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की इक्कीसवीं किस्त जारी की थी जिससे करोड़ों किसानों को लाभ मिला था। अब सभी लाभार्थी किसान बाईसवीं किस्त के जारी होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन गई है। खेती से जुड़े खर्चों जैसे बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बीच यह आर्थिक सहायता किसानों के लिए बेहद मददगार साबित हो रही है। योजना की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक इक्कीस किस्तें सफलतापूर्वक किसानों के बैंक खातों में भेजी जा चुकी हैं। प्रत्येक किस्त में दो हजार रुपये की राशि दी जाती है जो किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
बाईसवीं किस्त कब आएगी
मीडिया रिपोर्टों और विशेषज्ञों के अनुसार पीएम किसान योजना की बाईसवीं किस्त फरवरी 2026 में किसानों के बैंक खातों में जमा की जा सकती है। योजना के नियमों के अनुसार किस्तें हर चार महीने के अंतराल पर जारी की जाती हैं। चूंकि इक्कीसवीं किस्त उन्नीस नवंबर को जारी हुई थी इसलिए अगली किस्त फरवरी या मार्च 2026 तक आने की संभावना है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
सरकार आमतौर पर किस्त जारी करने से कुछ दिन पहले आधिकारिक तिथि की घोषणा करती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम अपडेट की जांच करते रहें। फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में किस्त जारी होने की संभावना जताई जा रही है। पिछली किस्तों के पैटर्न को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में तिथि की घोषणा कर सकती है।
क्या इस बार मिलेंगे चार हजार रुपये
किसानों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि बाईसवीं किस्त में शायद चार हजार रुपये की राशि मिल सकती है। ऐसी अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि कभी-कभी सरकार दो किस्तों को एक साथ जारी कर देती है। अगर ऐसा होता है तो लाभार्थियों को एक बार में दो हजार रुपये की बजाय चार हजार रुपये मिलेंगे। हालांकि इस संबंध में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि योजना के मूल नियमों के अनुसार प्रत्येक किस्त की राशि दो हजार रुपये निर्धारित है। यदि किसी कारणवश पिछली किस्त में देरी होती है या कोई किस्त छूट जाती है तो सरकार दो किस्तें एक साथ जारी कर सकती है। लेकिन सामान्य परिस्थितियों में किसानों को दो हजार रुपये की ही राशि मिलने की उम्मीद रखनी चाहिए। सभी किसानों को चाहिए कि वे केवल आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें और अफवाहों से बचें।
योजना के लिए पात्रता मानदंड
पीएम किसान योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ निश्चित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। सबसे पहले लाभार्थी भारत का स्थायी नागरिक होना चाहिए और उसके नाम पर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए। योजना मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिनके पास सीमित कृषि भूमि है। लाभार्थी की आयु कम से कम अठारह वर्ष होनी चाहिए और उसके पास कृषि भूमि का वैध स्वामित्व प्रमाण होना चाहिए।
योजना में कुछ श्रेणियों के लोगों को बाहर रखा गया है। यदि किसान परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है तो वह परिवार इस योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। इसी तरह जो किसान आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं या जिनकी वार्षिक आय अधिक है वे भी इस योजना से बाहर हैं। संस्थागत किसान और कॉर्पोरेट खेती करने वाले भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते। इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और जरूरतमंद किसानों को ही मिले।
ई केवाईसी की अनिवार्यता
पीएम किसान योजना में अब ई केवाईसी पूरा करना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो किसान ई केवाईसी नहीं करवाएंगे उन्हें अगली किस्त का भुगतान नहीं मिलेगा। यह कदम योजना में धोखाधड़ी और गलत लाभार्थियों को रोकने के लिए उठाया गया है। हाल ही में कई मामले सामने आए थे जहां अपात्र लोग इस योजना का लाभ उठा रहे थे। ई केवाईसी की प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि लाभार्थी की पहचान सही है और वह योजना के लिए पात्र है।
ई केवाईसी की प्रक्रिया बेहद सरल है और इसे ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है। किसान पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आधार नंबर के माध्यम से ई केवाईसी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है जिसे दर्ज करके केवाईसी पूरी हो जाती है। जिन किसानों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है वे अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं।
आधार और बैंक खाते की लिंकिंग जरूरी
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों का आधार कार्ड उनके बैंक खाते से जुड़ा होना अनिवार्य है। यदि आधार और बैंक खाता लिंक नहीं है तो किस्त की राशि बैंक खाते में नहीं आएगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की व्यवस्था में आधार की लिंकिंग बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि पैसा सही व्यक्ति के खाते में जा रहा है। किसानों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके आधार कार्ड और बैंक खाते में दर्ज नाम और अन्य जानकारी बिल्कुल एक जैसी हो।
यदि किसी किसान के आधार कार्ड में कोई गलती है या बैंक खाते की जानकारी अपडेट नहीं है तो उसे तुरंत इसे सुधरवा लेना चाहिए। बैंक खाता सक्रिय होना चाहिए और उसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। कुछ मामलों में देखा गया है कि निष्क्रिय बैंक खातों में राशि ट्रांसफर नहीं हो पाती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक खाते की नियमित जांच करते रहें और किसी भी समस्या को समय रहते ठीक करवा लें।
भूमि सत्यापन की प्रक्रिया
धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने भूमि अभिलेखों के सत्यापन को भी अनिवार्य कर दिया है। किसानों को अपनी कृषि भूमि के कागजात अपडेट रखने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि भूमि के रिकॉर्ड में उनका नाम सही तरीके से दर्ज है। राज्य सरकारें और कृषि विभाग समय-समय पर भूमि अभिलेखों का सत्यापन करते हैं। यदि किसी किसान के भूमि दस्तावेजों में कोई विसंगति पाई जाती है तो उसका नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है।
भूमि सत्यापन की प्रक्रिया राज्यवार अलग-अलग हो सकती है। कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन है जबकि कुछ जगहों पर किसानों को स्थानीय कृषि कार्यालय जाना पड़ता है। किसानों को चाहिए कि वे अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर भूमि सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यदि भूमि के कागजात में कोई समस्या है तो उसे जल्द से जल्द ठीक करवा लेना चाहिए ताकि किस्त मिलने में कोई बाधा न आए।
किस्त का स्टेटस कैसे चेक करें
किसान अपनी किस्त का स्टेटस ऑनलाइन आसानी से देख सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा। वेबसाइट के होम पेज पर बेनिफिशियरी स्टेटस का विकल्प दिखाई देगा जिस पर क्लिक करना है। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा जहां आधार नंबर, बैंक खाता नंबर या मोबाइल नंबर में से किसी एक को दर्ज करना होगा। फिर गेट डेटा के बटन पर क्लिक करने पर स्क्रीन पर पूरी किस्त का विवरण दिखाई देगा।
स्टेटस में यह जानकारी मिलेगी कि अब तक कितनी किस्तें प्राप्त हो चुकी हैं और उनकी तारीख क्या थी। यदि किसी किस्त में पेमेंट सक्सेस लिखा हुआ है तो इसका मतलब है कि वह राशि बैंक खाते में आ चुकी है। अगर पेंडिंग या रिजेक्टेड दिखाई दे रहा है तो किसान को अपने दस्तावेजों और केवाईसी की स्थिति की जांच करनी चाहिए। समस्या बनी रहने पर नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करना चाहिए या हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके समाधान प्राप्त करना चाहिए।
योजना का महत्व और प्रभाव
पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई है। यह योजना दुनिया के सबसे बड़े डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कार्यक्रमों में से एक है जिसके माध्यम से लाखों किसानों तक सीधी आर्थिक सहायता पहुंचती है। योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी और तब से लेकर अब तक यह लगातार सफलतापूर्वक चल रही है। इससे किसानों की आय में स्थिरता आई है और उन्हें खेती से संबंधित खर्चों को पूरा करने में मदद मिली है।
योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं है। पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा होता है जिससे भ्रष्टाचार की संभावना नहीं रहती। छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह राशि बहुत मायने रखती है क्योंकि वे अक्सर वित्तीय संकट का सामना करते हैं। बीज, खाद और अन्य कृषि सामग्री खरीदने के लिए यह आर्थिक सहायता उन्हें साहूकारों और महंगे कर्ज से बचाती है। इसके अलावा योजना ने किसानों में बचत की आदत को भी बढ़ावा दिया है।
पंजीकरण और अपडेट की प्रक्रिया
जो किसान अभी तक इस योजना में पंजीकृत नहीं हैं वे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पीएम किसान वेबसाइट पर फार्मर्स कॉर्नर सेक्शन में न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन का विकल्प मिलता है। यहां किसान को अपना आधार नंबर, नाम, बैंक खाता विवरण और भूमि की जानकारी भरनी होती है। सभी जानकारी सही और स्पष्ट रूप से भरनी चाहिए क्योंकि बाद में इसी आधार पर सत्यापन होता है।
पंजीकृत किसानों को अपनी जानकारी नियमित रूप से अपडेट करते रहना चाहिए। यदि बैंक खाता बदला है, मोबाइल नंबर बदला है या भूमि के रिकॉर्ड में कोई परिवर्तन हुआ है तो इसे तुरंत वेबसाइट पर अपडेट करवा लेना चाहिए। एडिट आधार डिटेल्स के विकल्प से किसान अपनी जानकारी में संशोधन कर सकते हैं। जो किसान तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं वे कॉमन सर्विस सेंटर या स्थानीय कृषि कार्यालय की मदद ले सकते हैं। समय-समय पर सरकार शिविर भी लगाती है जहां किसानों की मदद की जाती है।
योजना के भविष्य की संभावनाएं
पीएम किसान योजना की सफलता को देखते हुए सरकार इसे और मजबूत बनाने की योजना बना रही है। भविष्य में इस योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है और प्रति किस्त की राशि में भी वृद्धि हो सकती है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति और बढ़ती कृषि लागत को देखते हुए किस्त की राशि बढ़ाना जरूरी होगा। वर्तमान में प्रति किस्त दो हजार रुपये की राशि उपयोगी तो है लेकिन बढ़ती महंगाई के दौर में इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है।
सरकार योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लगातार नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। भूमि अभिलेखों को डिजिटल बनाना, बायोमेट्रिक सत्यापन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा रही है। आने वाले समय में योजना का लाभ केवल वास्तविक और जरूरतमंद किसानों तक पहुंचे इसके लिए और सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। किसानों से अपील है कि वे योजना का लाभ लेने के साथ-साथ सभी नियमों का पालन भी करें।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की बाईसवीं किस्त फरवरी 2026 में आने की पूरी संभावना है। किसानों को चाहिए कि वे समय रहते अपनी ई केवाईसी पूरी करवा लें, आधार को बैंक खाते से लिंक करवाएं और अपनी सभी जानकारी अपडेट रखें। जो किसान अभी तक पंजीकृत नहीं हैं उन्हें जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवा लेना चाहिए। योजना का लाभ केवल पात्र और सत्यापित किसानों को ही मिलेगा इसलिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करना बेहद जरूरी है।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी स्रोतों से ही जानकारी लें। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और गलत सूचनाओं पर विश्वास न करें। किसी भी समस्या या शंका की स्थिति में पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में जाएं। यह योजना किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए बनाई गई है और इसका पूरा लाभ उठाने के लिए सभी नियमों का पालन करना आवश्यक है। नियमित रूप से अपने पेमेंट स्टेटस की जांच करते रहें और अपनी जानकारी को अपडेट रखें।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर तैयार किया गया है। पीएम किसान योजना की 22वीं किस्त से संबंधित आधिकारिक और नवीनतम जानकारी के लिए कृपया pmkisan.gov.in वेबसाइट देखें या संबंधित कृषि विभाग से संपर्क करें। किस्त जारी होने की तिथि केवल सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के बाद ही निश्चित मानी जाएगी।

